गरीब वो है जिसका कोई दोस्त न हो।
किसी की आँख तुम्हारी वजह से नम न हो क्योंकि
तुम्हे उसके हर इक आंसू का क़र्ज़ चुकाना होगा
जब मेरा जी चाहता है के मैं अपने रब से बात करूँ तो मैं नमाज़ पढ़ता हूँ
“जिसको तुमसे सच्चा प्रेम होगा, वह तुमको व्यर्थ और नाजायज़ कामों से रोकेगा”