Love Shayri सौन्दर्य के दृश्य तभी द्रष्टा की दृष्टि में विलयित हो पाते हैं,और यही अवस्था प्रेम की अवस्था होती है। प्रेम और सौन्दर्य दोनो की उत्पत्ति और उद्दीपन की प्रक्रिया अन्तर से प्रारम्भ होती है। सौन्दर्य मनुष्य के व्यक्तित्व को प्रभावित करता है, और प्रेम उस सौन्दर्य में समाया रहता है।

बुझी बुझी सी सितारों की रौशनी है अभी
ये रात किस के इशारों को ढूँढती है अभी

न जाने मेरी नज़र ही नहीं है जल्वा-शनास
न जाने तेरे ही जल्वों में कुछ कमी है अभी

love Shayari

कुछ ऐसे गूँजती है दिल में अहद-ए-रफ़्ता की याद
कि जैसे तू ने कोई बात मुझ से की है अभी

सभी कहते हैं Love Shayri प्यार हमेशा दिल से होता है,लेकिन सही मायने में प्यार दिमाग से होता है। लोग पूरी विवेकता से प्यार करते है। अक्सर प्यार हमें उन्हीं चीजों से और उन्हीं इंसानों से होता है जिनमें हमें कुछ बाते आकर्षित करती है।

किसी के हुस्न से खेली हैं उम्र भर आँखें
ये लग रहा है नज़र से नज़र मिली है अभी

हज़ार क़ाफ़िले मंज़िल पे जा के लौट आए
मिरी निगाह तिरी राह ढूँढती है अभी

सँभल तो जाए तबीअत मगर सितम ये है
कि इस के ब’अद भी इक और ज़िंदगी है अभी