आसमान पर निगाह ज़रूर रखो मगर ये मत भूलो के पैर ज़मीन पर ही रखें जातें हैं।
अगर तुम अल्लाह की इबादत नहीं कर सकते तो गुनाह करना भी छोड़ दो।
दिन की रौशनी में रिज़्क़ तलाश करो, रात को उसे तलाश करो जो तुम्हें रिज़्क़ देता है।
बुरी सोहबत के दोस्तों से कांटे अच्छे हैं जो सिर्फ एक बार ज़ख्म देते हैं।
जो दुख दे उसे छोड़ दो, मगर जिसे छोड़ दो उसे दुःख ना दो।
Sheikh Saadi — शेख सादी