प्रेम एक रसायन है क्योंकि यह यंत्र नहीं विलयन है,द्रष्टा और दृष्टि का। सौन्दर्य के दृश्य तभी द्रष्टा की दृष्टि में विलयित हो पाते हैं,और यही अवस्था प्रेम की अवस्था होती है। प्रेम और सौन्दर्य दोनो की उत्पत्ति और उद्दीपन की प्रक्रिया अन्तर से प्रारम्भ होती है। सौन्दर्य मनुष्य के व्यक्तित्व को प्रभावित करता है, Hindi Andhera Shayari और प्रेम उस सौन्दर्य में समाया रहता है। प्रेम में आसक्ति होती है। यदि आसक्ति न हो तो प्रेम प्रेम न रहकर केवल भक्ति हो जाती है। प्रेम मोह और भक्ति के बीच की अवस्था है।
जब से तू ने मुझे दीवाना बना रक्खा है
संग हर शख़्स ने हाथों में उठा रक्खा है
उस के दिल पर भी कड़ी इश्क़ में गुज़री होगी
नाम जिस ने भी मोहब्बत का सज़ा रक्खा है
Raat and Andhera Shayari
प्रेमी व प्रेमिका या पति व पत्नी के प्रेम करने व अलग होने की मनोस्थित एक समान है ।
परन्तु कुछ विवाह जुड़े अलग नहीं हो सकते है क्योंकि उनकी आत्मा ही एक है जो भीतर से एक है वे बाहर से अलग हो ही नहीं सकते है ।
सभी कहते हैं प्यार हमेशा दिल से होता है,लेकिन सही मायने में प्यार दिमाग से होता है। लोग पूरी विवेकता से प्यार करते है। अक्सर प्यार हमें उन्हीं चीजों से और उन्हीं इंसानों से होता है जिनमें हमें कुछ बाते आकर्षित करती है।
पत्थरो आज मिरे सर पे बरसते क्यूँ हो
मैं ने तुम को भी कभी अपना ख़ुदा रक्खा है
अब मिरी दीद की दुनिया भी तमाशाई है
तू ने क्या मुझ को मोहब्बत में बना रक्खा है
पी जा अय्याम की तल्ख़ी को भी हँस कर ‘नासिर’
ग़म को सहने में भी क़ुदरत ने मज़ा रक्खा है
पारस्पारिक प्यार
मनुष्य के बीच के प्यार को पारस्पारिक प्यार कहते हैं। ये सिर्फ एक दूसरे के लिये चाह नहीं है बल्कि एक शक्तिशाली भाव है। जिस प्यार के भावनाओं को विनिमय नहीं किया जाता उसे अप्रतिदेय प्यार कहते हैं। ऐसा प्यार परिवार के सदस्यों, दोस्तों और प्रेमियों के बीच पाया जाता हैं। पारस्पारिक रिश्ता दो मनुष्य के साथ मज़बूत, गहरा और निकट सहयोग होता है।