अर्श अस्त केहीं पाय: ज़े-ऐवान-ए-मोहम्मद
जिबरील-ए-अमीं ख़ादिम-ए-दर्बान-ए-मोहम्मद
आँ ज़ात-ए-ख़ुदावन्द कि मख़्फ़ी अस्त ब-आलम
पैदा-ओ-अयाँ अस्त ब-चश्मान-ए-मोहम्मद
तौरेत कि बर मूसा व इंजील ब-ईसा
शुद महव ब-यक नुक़त:-ए-फ़ुरक़ान-ए-मोहम्मद
अज़ बहर-ए-शफ़ाअ’त चे उलुलअज़्म चे मुर्सल
दर हश्र ज़नद दस्त ब-दामान-ए-मोहम्मद
यक-जाँ चे कुनद ‘सा’दी’-ए-मिस्कीं कि दो-सद जाँ
साज़ेम फ़िदा-ए-सग-ए-दर्बान-ए-मोहम्मद