Shams Tabrez Quotes

“परिवर्तनों का विरोध करने के बजाय, आत्मसमर्पण करें।
जीवन को तुम्हारे साथ होने दो, तुम्हारे खिलाफ नहीं।
अगर आपको लगता है कि तुम मेरा जीवन उल्टा हो जाएगा,
तो यह चिंता की बात नहीं है।
आप कैसे जानते हैं कि उल्टा बेहतर नहीं है? ”

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bya bya ki tui

बया बया कि तुई जान-ए- जान-ए- जान-ए- समा’
बया कि सर्वे रवानी बबोस्तान-ए- समा’

समा’ बंदए वक़्त-ए- तू बाशद ऐ मेहतर
ज़े वजद-ए- ख़्वेश दर आई तू दर्मेयान-ए- समा’

बरूँ ज़े हर दो जहां आ चू दर समा’ आई
बरूँ ज़े हर दो जहां अस्त ईँ जहान-ए- समा’

बया कि रौनक़-ए- बाज़ार-ए- इश्क़ अज़ लब-ए- तुस्त
के शाहिदीस्त निहानी दर ईँ दुकान-ए- समा’

बया कि सुरत-ए- इश्क़स्त शम्स-ए- तबरेज़ी
कि बाज़ मांद ज़े इश्क़श लब-ओ- देहान-ए- समा’

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ma khazin-e-khazana

मा ख़ाज़िन-ए- ख़ज़ान:-ए- असरार बुद: ऐम
मा साल्हा मुसाहिब-ए- दिलदार बुद: ऐम

मा रख़त-ए- ख़ुद ज़ आ’लम-ए- हस्ती कशीद: ऐम
दर कुए यार बे ग़म-ए- अग़यार बुद: ऐम

आदम हनूज़ दर अ’दम आबाद बुद कि मा
मस्त-ओ- ख़राब-ए- नर्गिस-ए- आँ यार बुद: ऐम

दर गुलशन-ए- विसाल बचन्दीँ हज़ार साल
पेश अज़ दो कौन ताएर-ए- तैय्यार बुद: ऐम

अज़ जाम-ए- इश्क़ बाद:-ए- वहदत कशीद: ऐम
फ़ारिग़ ज़े साक़ी-ओ- मय-ओ- ख़म्मार बुद: ऐम

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aarju daram ki mehmanat

आरज़ू दारम कि मेहमानत कुनम
जान-ओ- दिल ऐ दोस्त क़ुर्बानत कुनम

हीं क़िराअत कम कुन व ख़ामोश बाश
ता बख़्वानम ऐ’न क़ुरआनत कुनम

गर तू तर्क-ए- सर कुनी मरदान: वार
हमचु इस्माईल क़ुर्बानत कुनम

गर यक़ीन दानम कि बर मन आ’शिक़ी
अज़ जमाल-ए- ख़्वेश हैरानत कुनम

गर तू अफ़लातून -ओ- लुक़मानी बइ’ल्म
मन ब यक दीदार-ए- नादानत कुनम

शम्स तबरेज़ी ब मौलाना बगो
दफ़्तर-ए- असरार-ए- दीवानत कुनम

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dar ishq n jismam-o-n janam

दर इश्क़ न जिस्मम-ओ- न जानम
चीज़े अ’जबम न ईँ न आनम

हर जा कि रवम ख़राब-ए- इश्क़म
मन का’बा-ओ- बुत्कद: न दानम

ऊ बेशक -ओ- बे गुमाँ यक़ीन अस्त
मन बे शक-ओ- बेगुमाँ गुमानम

मन जाम-ए- जहां नुमाए इश्क़म
मन मर्दुम-ए- दीद:-ए -जहानम

हम सूरत-ए- आफ़ताब-ए- ज़ातम
हम मा’नी-ए- सिर्र-ए- कुन फ़कानम

अफ़्जूं ज़े ज़मान-ओ- दर ज़मानम
बेरूं ज़े मकान-ओ- दर मकानम

मन बे ख़बर अज़ निशान-ओ- नामम
बिल्लाह मतलब-ए- दीगर निशानम

हम साय:-ए- आफ़ताब-ए- ज़ातम
हम मौज-ए- मुहीत-ए- बेकरानम

चूँ शम्स ज़े परतवे कि दारम
गह ज़ाहिरम -ओ- गहे निहानम

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Mullana Jami Quotes

ईश्वर और प्रेम शरीर और आत्मा के रूप में हैं।
ईश्वर मेरा है, प्रेम हीरा है।
वे साथ रहे हैं शुरुआत से
हर धड़कन में, हर दिल में।

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imroz digaram ba-firaq-e-tu

इमरोज़ दीगरम ब-फ़िराक़-ए-तू शाम शुद
दर इन्तिज़ार-ए-वस्ल-ए-तू उ’म्रम तमाम शुद

आमद नमाज़-ए-शाम व न-यामद निगार-ए-मन
ऐ दीद: पासदार कि ख़्वाबम हराम शुद

अफ़सोस-ए-ख़ल्क़ मी-शनवम दर क़िफ़ा-ए-ख़्वेश
कि ईं पुख़्त:-बीं कि बर-सर-ए-सौदा-ए-ख़ाम शुद

तन्हा न मन ब-दान:-ए-ख़ालत मुक़य्यदम
कि ईं दाना हर कि दीद गिरफ़तार-ए-दाम शुद

बस्तम बसे ख़याल कि बीनम जमाल-ए-दोस्त
आँ हम न शुद मुयस्सर-ओ-सौदा-ए-ख़ाम शुद

ख़ाल-ए-तू दानः दानः व ज़ुल्फ़-ए-तू दाम दाम
मुर्ग़े कि दानः दीद गिरफ़्तार-ए-दाम शुद

महमूद-ए-ग़ज़्नवी कि हज़ाराँ ग़ुलाम दाश्त
इश्क़श चुनाँ गिरफ़्तः ग़ुलाम-ए-ग़ुलाम शुद

अबना-ए-रोज़गार ग़ुलामाँ ब-ज़र ख़रंद
‘सादी’ बा-इख़तयार-ओ-इरादत ग़ुलाम शुद

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man be-maya ki basham

मन बे-मायः कि बाशम कि ख़रीदार-ए-तू बाशम
हैफ़ बाशद कि तू यार-ए-मन-ओ-मन यार-ए-तू बाशम

तू मगर साय:-ए-लुत्फ़-ए-ब-सर-ए-वक़्त-ए-मन आरी
कि मन आँ मायः नदारम कि ब-मिक़्दार-ए-तू बाशम

ख़ेशतन बर तू न बंदम कि मन अज़ ख़ुद न पसंदम
कि तू हरगिज़ गुल-ए-मन बाशी व मन ख़ार-ए-तू बाशम

हरगिज़ अंदेशः न कर्दम कि कमंदत ब-मन उफ़्तद
कि मन आँ वक़्अ’ नदारम कि गिरफ़्तार-ए-तू बाशम

मन चे शाइस्त:-ए-आनम कि तुरा ख़्वानम-ओ-दानम
ब-करम हम तू ब-बख़्शी कि सज़ावार-ए-तू बाशम

गरचे दानम कि ब-वस्लत न रस्म बाज़ न गर्दम
ता दरीं राह ब-मीरम कि तलब-गार-ए-तू बाशम

ख़ाक बादा तन-ए-‘सा’दी’ चु तू ऊ रा न पसंदी
कि न-शायद कि तू फ़ख़्र-ए-मन व मन आ’र-ए-तू बाशम

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arsh ast kehin paya

अर्श अस्त केहीं पाय: ज़े-ऐवान-ए-मोहम्मद
जिबरील-ए-अमीं ख़ादिम-ए-दर्बान-ए-मोहम्मद

आँ ज़ात-ए-ख़ुदावन्द कि मख़्फ़ी अस्त ब-आलम
पैदा-ओ-अयाँ अस्त ब-चश्मान-ए-मोहम्मद

तौरेत कि बर मूसा व इंजील ब-ईसा
शुद महव ब-यक नुक़त:-ए-फ़ुरक़ान-ए-मोहम्मद

अज़ बहर-ए-शफ़ाअ’त चे उलुलअज़्म चे मुर्सल
दर हश्र ज़नद दस्त ब-दामान-ए-मोहम्मद

यक-जाँ चे कुनद ‘सा’दी’-ए-मिस्कीं कि दो-सद जाँ
साज़ेम फ़िदा-ए-सग-ए-दर्बान-ए-मोहम्मद

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yak shabe majnun

यक शबे मजनूँ ब-ख़ल्वत-गाह-ए-राज़
गुफ़्त कि-ऐ परवरदिगार-ए-बे-नियाज़

अज़ चरा नामम तू मजनूँ कर्द:-ई
इश्क़-ए-लैला दर दिलम चूँ कर्द:-ई

कर्द:-ई ख़ार-ए-मुग़ीलाँ बालिशम
मी-बरी शब्हा ब-गरदूँ नालिशम

तू चे ख़्वाही ज़ीं गिरफ़्तारी-ए-मन
ऐ ख़ुदा-ए-मन वज़ीँ ज़ारी-ए-मन

हातिफ़श गुफ़्तः कि ऐ मर्द-ए-ग़रीब
दर मोहब्बत कर्दम ईं ग़महा नसीब

इश्क़-ए-लैला नीस्त ईं कार-ए-मन अस्त
हुस्न-ए-लैला अक्स-ए-रुख़्सार-ए-मन अस्त

ख़ुश-नुमायद नाला-ए-शब-हा-ए-तू
ज़ौक़-हा दारम ब-या-रब-हा-ए-तू

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