Yeh Alaag Baat Hai Saaqi K Mujhay Hosh Nahin
Hosh Itna Hai K Main Tujh Say Faramosh Nahin
Main Teri Mast Nigaahon Ka Bharam Rakh Lon Ga
Hosh Aaya Bhi Tu Keh Doon Ga Mujhay Hosh Nahin
Insa Ke Bas Ka Kaam Nhi
अल्लाह अगर तौफ़ीक़ न दे इन्सान के बस का काम नहीं
फ़ैज़ाने-मोहब्बत आम सही, इर्फ़ाने-मोहब्बत आम नहीं
ये तूने कहा क्या ऐ नादाँ फ़ैयाज़ी-ए-क़ुदरत आम नहीं
तू फ़िक्रो-नज़र तो पैदाकर, क्या चीज़ है जो इनआम नहीं
यारब ये मुकामे-इश्क़ है क्या गो दीदा-ओ-दिल नाकाम नहीं
तस्कीन है और तस्कीन नहीं आराम है और आराम नहीं
आना है जो बज़्मे-जानाँ में पिन्दारे-ख़ुदी को तोड़ के आ
ऐ होशो-ख़िरद के दीवाने याँ होशो-ख़िरद का काम नहीं
इश्क़ और गवारा ख़ुद कर ले बेशर्त शिकस्ते-फ़ाश अपनी
दिल की भी कुछ उनके साज़िश है तन्हा ये नज़र का काम नहीं
सब जिसको असीरी कहते हैं वो तो है असीरी ही लेकिन
वो कौन-सी आज़ादी है जहाँ, जो आप ख़ुद अपना दाम नहीं
Main Zaleel Tha Main Haqeer Tha
Main Zaleel Tha Main Haqeer Tha, Tere Dar ka Aik Faqeer Tha,
Tu Ne Aik Hi Sajday Mein, Mujhe Kya Se Kya Bana Diya,
Rag-e-Jaan Se Bhi Tu Qareeb hai,Tu Hi Likhta Sab K Naseeb Hai,
Jisay Chaha Pal Mein Utha Diya, Jisay Chaha Pal Mein Gira Diya.
Julfe Sarkar Se Jab Chehra Nikalta Goga
जुल्फे सरकार से जब चेहरा निकलता होगा
फिर भला कैसे कोई चाँद को तकता होगा
ऐ हलीमा ये बता तू ने तो देखा होगा
कैसे तुझ से मेरा महबूब लिपटा होगा
क़ाबिले रश्क है सिद्दीक़ तेरा आसु
गार में आप के रुख पर जो टपका होगा
कितनी खुश बख्त है वो गलिया यारो
जिन में बन थान के मेरा महबूब निकलता होगा
जब कभी आप अंधेरे में निकलते होंगे
शबे तारिख में खुर्शीद भी चमकता होगा
मुझे को मालूम है तैबा से जुदाई का असर
की शाम शम्स भी रोते हुए ढलता होगा ।
Hazrat Ali Radiallahu Taala Anhu Ne Farmaya
Hazrat Ali Radiallahu Ta’ala Anhu Ne Farmaya Ki:
“Main Poori Zindagi Me Sirf Ek Raat Sukoon Se Soya Hoon”.
Poocha Gaya “Wo Kaunsi”?
Hazrat Ali Radiallahu Ta’ala Anhu ne farmaya:
“Jis Din Huzur Alyhis-Salam Ne Farmaya Ki Aye Ali!
Kal tumhe (Amanate) Maal-e-Ghanimat Taqseem Kar Ke Aana Hai.
Kyunki Sirf Us Raat Mujhe Yaqeen Tha Ki Main Subha Zinda Uthunga”
Tera hijr mera naseeb
Tera hijr mera naseeb hai..Tera gam hi meri hayaat hai
Mujhe teri duri ka gam nahi.. Tu janha bhi hai mere pass hai
Ye Shayri Ye Mohabbat Tere Wajood Se Hai
Ye Shayri Ye Mohabbat Tere Wajood Se Hai
Ye Soz, Dard Ye Ulfat Tere Wajood Se Hai
Tujhi Ko Dekh Ke Dhalte Hain Lafz Geetoon Mein
Mere Khayal Ki Shurat Tere Wajood Se Hai
Tere Hi Dum Se Hai Qaim Wafa Ka Taj Mahil
Meri Wafa Mein Shidad Tere Wajood Se Hai
Tere Hi Naam Se Milta Hai Zindagi Ko Sukoon
Tammam Ulfat O Rhat Tere Wajood Se Hai
by baba Freed
Qurbaton Men Bhi Judai Ke Zamane Mange
Qurbaton Men Bhi Judai Ke Zamane Mange
Dil Vo Bemehar Ki Rone Ke Bahane Mange
Apana Ye Hal Ke Ji Bhar Chuke Lut Bhi Chuke
Aur Muhabbat Vahi Andaz Purane Mange
Ishq me Lazabaab Hai Hum Log
इश्क़ में लाजवाब हैं हम लोग
माहताब आफ़ताब हैं हम लोग
गर्चे अहल-ए-शराब हैं हम लोग
ये न समझो ख़राब हैं हम लोग
शाम से आ गये जो पीने पर
सुबह तक आफ़ताब हैं हम लोग
नाज़ करती है ख़ाना-वीरानी
ऐसे ख़ाना- ख़राब हैं हम लोग
तू हमारा जवाब है तनहा
और तेरा जवाब हैं हम लोग
ख़ूब हम जानते हैं क़द्र अपनी
कितने नाकामयाब हैं हम लोग
हर हक़ीक़त से जो गुज़र जायेँ
वो सदाक़त-म’आब हैं हम लोग
जब मिली आँख होश खो बैठे
कितने हाज़िर-जवाब हैं हम लोग