अज़ यार-ए-कुहन नमी कुनी याद
ईं शेवा-ए-नौ मुबारकत-बाद
फ़रियाद-ए-कसे नमी कुनी गोश
पेश कि कुनेम अज़ तू फ़रियाद
आँ सोख़्ता याफ़्त लज़्ज़त-ए-इश्क़
कज़ वस्ल-ए-निशाँ न-दीद व जाँ दाद
बा दौलते बंदगियत हस्तम
अज़ ख़्वाजगी-ए-दो-आलम आज़ाद
मुर्ग़-ए-चमन-ए-वफ़ा अस्त ‘जामी’
दर दाम-ए-ग़म-ओ-बला चे उफ़्ताद