बया बया कि तुई जान-ए- जान-ए- जान-ए- समा’
बया कि सर्वे रवानी बबोस्तान-ए- समा’
समा’ बंदए वक़्त-ए- तू बाशद ऐ मेहतर
ज़े वजद-ए- ख़्वेश दर आई तू दर्मेयान-ए- समा’
बरूँ ज़े हर दो जहां आ चू दर समा’ आई
बरूँ ज़े हर दो जहां अस्त ईँ जहान-ए- समा’
बया कि रौनक़-ए- बाज़ार-ए- इश्क़ अज़ लब-ए- तुस्त
के शाहिदीस्त निहानी दर ईँ दुकान-ए- समा’
बया कि सुरत-ए- इश्क़स्त शम्स-ए- तबरेज़ी
कि बाज़ मांद ज़े इश्क़श लब-ओ- देहान-ए- समा’