वह आदमी वास्तव में बुद्धिमान है जो क्रोध में भी गलत बात मुंह से नहीं निकालता। —शैख़ सादी
लोभी को पूरा संसार मिल जाए तो भी वह, भूखा रहता है, लेकिन संतोषी का पेट, एक रोटी से ही भर जाता है। —शैख़ सादी
ग़रीबों के समान विनम्र अमीर और अमीरों के समान उदार ग़रीब ईश्वर के प्रिय पात्र होते हैं। —शैख़ सादी
घमंड करना जाहिलों का काम है। —शैख़ सादी
जो नसीहतें नहीं सुनता, उसे लानत-मलामत सुनने का सुख होता है। —शैख़ सादी
बुरे आदमी के साथ भी भलाई करनी चाहिए – कुत्ते को रोटी का एक टुकड़ा डालकर उसका मुंह बन्द करना ही अच्छा है। —शैख़ सादी
खुदा एक दरवाजा बन्द करने से पहले दूसरा खोल देता है, उसे प्रयत्न कर देखो। —शैख़ सादी
धैर्य रखें, सभी कार्य सरल होने से पहले कठिन ही दिखाई देते हैं। —शैख़ सादी