Ashiqi Kalam Bandanwaz Gesudraz

वाहिद अपने आप था आपे आप निझाया।
परकट जलवे कारने, अलिफ मीम हो आया।।
इश्कौ जलवा देने कर, काफ नून बसाया।।

सवाल- जाती ईमान कौन सा और सिफाती ईमान कौन?
जवाब- अखंड हाल साविती है सो जाती ईमान वह है।
साविती जाती और जाती है सो सिफाती ईमान।।

कहाँलक खींचिया रहेगा तू, दुनिया की परेशानी।
जियेलक फिकर है, दुनिया की, दुनिया देखे तो है फानी।।

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