yak shabe majnun

यक शबे मजनूँ ब-ख़ल्वत-गाह-ए-राज़
गुफ़्त कि-ऐ परवरदिगार-ए-बे-नियाज़

अज़ चरा नामम तू मजनूँ कर्द:-ई
इश्क़-ए-लैला दर दिलम चूँ कर्द:-ई

कर्द:-ई ख़ार-ए-मुग़ीलाँ बालिशम
मी-बरी शब्हा ब-गरदूँ नालिशम

तू चे ख़्वाही ज़ीं गिरफ़्तारी-ए-मन
ऐ ख़ुदा-ए-मन वज़ीँ ज़ारी-ए-मन

हातिफ़श गुफ़्तः कि ऐ मर्द-ए-ग़रीब
दर मोहब्बत कर्दम ईं ग़महा नसीब

इश्क़-ए-लैला नीस्त ईं कार-ए-मन अस्त
हुस्न-ए-लैला अक्स-ए-रुख़्सार-ए-मन अस्त

ख़ुश-नुमायद नाला-ए-शब-हा-ए-तू
ज़ौक़-हा दारम ब-या-रब-हा-ए-तू

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na man behuda

न मन बेहूदः गिर्द-ए-कूच-ओ-बाज़ार मी-गर्दम
मज़ाक़-ए-आशिक़ी दारम पय-ए-दीदार मी-गर्दम

ख़ुदाया रहम कुन बर मन परेशाँ वार मी-गर्दम
ख़ता-कारम गुनह-गारम ब-हाल-ए-ज़ार मी-गर्दम

शराब-ए-शौक़ मी-नोशम ब-गिर्द-ए-यार मी-गर्दम
सुख़न मस्तानः मी-गोयम वले हुश्यार मी-गर्दम

हज़ाराँ ग़ोत:-हा ख़ूर्दम दरीं दरिया-ए-बे-पायाँ
बरा-ए-गौहर-ए-मा’नी ब-दरिया क़अर मी-गर्दम

गहे ख़ंदम गहे गिर्यम गहे उफ़्तम गहे ख़ेज़म
मसीहा दर दिलम पैदा व मन बीमार मी-गर्दम

बया जानाँ इनायत कुन तू ‘मौलाना-ए-‘रूमी’ रा
ग़ुलाम-ए-‘शम्स-तबरेज़म’ क़लंदर-वार मी-गर्दम

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ma mast-o-kharab

मा मस्त-ओ-ख़राब अज़ मय-ए-माशूक़-ए-अलस्तेम
ज़ाँ मस्त-ए-अलस्तेम कि मा’शूक़ परस्तेम

गर ख़िर्क़:-ओ-सज्जाद: न-बाशद न-बुवद पाक
चूँ बा मय-ओ-माशूक़ ब-ख़ल्वत ब-नशिस्तेम

चे कुफ़्र व चे ईमाँ चू ब-मक़्सूद रसीदेम
चे सोमआ’ चे दैर कि अज़ ईं हम: रस्तेम

शेरानः ज़े-मुल्क-ए-दो-जहाँ पा-ए-कशीदेम
ईं लहज़ः कि बा-दिलबर-ए-ख़ुद दस्त ब-दस्तेम

‘रूमी’ ब-सर-ए-राह-ए-मलामत शुद व ब-नशिस्त
ऐ ख़ल्क़ ब-दानेद कि मा आ’शिक़-ए-मस्तेम

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