नमाज़ की फ़िक्र अपने ऊपर फ़र्ज़ करलो..!! खुदा की कसम दुनिया की फ़िक्र से आज़ाद हो जाओगे,और क़ामयाबी तुम्हारे क़दम चूमेंगी… ( हज़रत अली रदियल्लाहु ता आला अन्हू )
“अपने जिस्म को ज़रूरत से ज़्यादा न सवारों,क्योंकि इसे तो मिट्टी में मिल जाना है,सवॉरना है तो अपनी रूह को सवॉरों क्योंकि इसे तुम्हारे रब के पास जाना है” हज़रत अली