Ishq Ka Jauq-e-Najara by: admin In Asrarul Haq Majaz, Shayari इश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम है हुस्न ख़ुद बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए