जिंदगी अपनी यू खुशनुमा कीजिए
जिक्रे अहमद हमेशा किया कीजिए
दर्स हमको मिला ये नबी पाक से
दुश्मनों के भी हक में दुआ कीजिए
कामयाबी की कुंजी अगर चाहिए
सरवरे दीन से राब्ता कीजिए
वह सफायत करेंगे यकीनन मगर
आप पाबंदे सुन्नत रहा कीजिए
लज़्ज्ते ज़िक्र का फिर मजा आएगा
पहले दिल को बलाली बना लीजिए
हर बला सर से चलती रहेगी सदा
सानी सजदा खुशी से दिया कीजिए