मा ख़ाज़िन-ए- ख़ज़ान:-ए- असरार बुद: ऐम
मा साल्हा मुसाहिब-ए- दिलदार बुद: ऐम
मा रख़त-ए- ख़ुद ज़ आ’लम-ए- हस्ती कशीद: ऐम
दर कुए यार बे ग़म-ए- अग़यार बुद: ऐम
आदम हनूज़ दर अ’दम आबाद बुद कि मा
मस्त-ओ- ख़राब-ए- नर्गिस-ए- आँ यार बुद: ऐम
दर गुलशन-ए- विसाल बचन्दीँ हज़ार साल
पेश अज़ दो कौन ताएर-ए- तैय्यार बुद: ऐम
अज़ जाम-ए- इश्क़ बाद:-ए- वहदत कशीद: ऐम
फ़ारिग़ ज़े साक़ी-ओ- मय-ओ- ख़म्मार बुद: ऐम